Top 5 best motivational short stories hindi
इस Top 5 best motivational short stories से आपको भी जीवन की समस्या का समाधान मिलेगा ,इसी उम्मीद से शुरू करते है यह कहानियां👇
1) भिन्न–भिन्न सोच(best motivational short stories ):
एक बार गांव में एक हाथी आया हुआ था। उस गांव के लोगो ने हाथी को कभी देखा हुआ ही नहीं था।
इसीलिए सबको हाथी देखने की बड़ी उत्कंठा हो रही थी।सब लोग अपना –अपना काम छोड़कर गांव के बड़े मैदान में हाथी देखने के लिए दौड़ पड़े।
उस गांव में चार अंधे व्यक्ति भी रहते थे। उन लोगो को भी हाथी कैसा होता है,यह जानना था।
उन लोगो ने सोचा कि,भले हम सब आंख से देख नही सकते तो क्या हुआ?
हम हाथी को अपने हाथो से छूकर ही जान लेंगे!
इस तरह वह चारो भी मैदान में गए। वहां जाकर चारो अंधे व्यक्ति ने हाथी के विशालकाय शरीर के अलग–अलग भागों को छूकर अपनी अलग–अलग राय बना ली।
चारों अंधे व्यक्ति इस बात पर एकदूसरे से बहस करने में लग गए।
वहां पे एक व्यक्ति यह सब देख रहा था।वह उन चारो के पास आया और उसने सामने चारो व्यक्ति ने अपनी – अपनी राय रखी।
यह सब सुनकर उस व्यक्ति ने कहा कि,आप सब अपनी जगह पर सही हैं।आप चारों ने हाथी के भिन्न – भिन्न भागों को छुआ था।
इसीलिए आप सबने हाथी के जितने भागो को छुआ हैं,उन सबको मिलाकर हाथी का पूरा शरीर बनता हैं।
जिस प्रकार चारो अंधे व्यक्ति ने मिलकर हाथी कैसा होता हैं,यह अनुभव करके एकदुसरे को एहसास कराया कि,हाथी कैसा दिखता हैं!
भले ही उन लोगों ने हाथी का एक–एक हिस्सा ही छुआ था! लेकिन आखिर में उन चारों के खुद के अहसास से उनको पता चला कि,हाथी कैसा दिखता है।
Motivation ➡️
इसी प्रकार हम मनुष्य को भी एकदूसरे की सहायता करनी चाहिए।
हमारी सोच भले अलग हो।फिर भी एकदूसरे को समझकर मदद करनी चाहिए।
2)ईश्वर द्वारा मदद(motivational short stories in Hindi for succes) :
मेहरपुर नाम का एक विकासशील गांव था। वहां के ग्रामजन हमेशा एकदूसरे को मदद करने के लिए तैयार रहते थे।
एक बार वर्षाऋतु के दौरान दो दिन तक इतनी बारिश हुई कि उस गांव में और उसके आसपास के गावों में भी बाढ़ आ गई।
मेहरगढ़ में एक भगवान का बहोत बड़ा भक्त रहता था। वह भगवान की भक्ति में हमेशा मशगूल रहता था।
बाढ़ आई तब भी वह भगवान की भक्ति में ही मशगूल था।इसीलिए गांववालो ने उसे सुरक्षित जगह पर उनके साथ आने का निवेदन किया। परंतु वह नही माना और कहा कि,भगवान स्वयं मुझे बचाने आयेंगे।
फिर बाद में बचाव संगठन के लोग अपनी नाव लेके आए।उन्होंने भी उस भक्त साधु को समझाया कि,वह नाव में बैठ जाए।लेकिन इस बार भी उसने ज़िद पकड़ी कि,भगवान स्वयं ही आयेंगे उसे बचाने के लिए।
बारिश भी रुकने का नाम नहीं ले रही थी। बाढ़ बढ़ती ही गई और वह भक्त भगवान की राह देखते–देखते बाढ़ में बहकर मर गया।
➡️ भगवान के भरोसे हमें रहना चाहिए।लेकिन यह उम्मीद कभी नहीं करनी चाहिए कि,भगवान स्वयं मदद करने आयेंगे।
भगवान हमेशा किसी और मनुष्य या फिर जीव के द्वारा मदद करते हैं।इस बात का ध्यान अगर उस भक्त ने किया होता तो वह भी बच जाता।
उसे भगवान ने गांववालों के रूप में और बचाव कार्य करनेवालों के रूप में मदद की।लेकिन वह समझ ही ना पाया।
मुश्किल वक्त में भगवान पर भरोसा रखकर जो भी मदद मिले।उसे भगवान द्वारा की गई मदद के रूप में देखना चाहिए।
3) ईश्वर की इच्छा(motivational short story):
एक बार एक भिक्षुक भिक्षा मांगने के लिए भटक रहा था।लेकिन वह रास्ता भूल गया और किसी वैरान जंगल में आ गया।
वहां एक लोमड़ी रास्ते में बैठी हुई थी।उसके पैर ही नही थे।जिसके कारण वह एक जगह से दूसरी जगह नहीं जा सकती थी।फिर भी वह देह से मजबूत थी।यह सब देखकर उस भिक्षुक को बड़ा आश्चर्य हुआ!
उसी वक्त वहां भागदौड़ मच गई,क्योंकि वहां शेर आ पहुंचा था। उस शेर ने एक हिरण का शिकार किया था और वह उसके मुंह में दांतो में दबोच के ले जा रहा था। वहीं वह लोमड़ी को भी थोड़े टुकड़े देकर चला गया।
उस भिक्षुक ने सोचा कि,ईश्वर इसे मदद कर रहा है,तो मुझे भी सहायता करेगा।इसीलिए वह भी जंगल से जैसे–तैसे करके बाहर निकल गया।
रास्ते में एक वृक्ष के नीचे बैठ गया।उसे यह उम्मीद थी कि, उसके लिए भी ईश्वर किसीको भेजेगा खाना देने के लिए!
लेकिन कई दिन बीत गए कोई भी उस भिक्षुक की मदद करने नही आया।
थोड़े दिन के पश्चात वहां से एक बुद्धिमान विद्वान वहां से पसार हो रहा था।उस भिक्षुक को देख उसे दया आई और उसकी खराब हालत के विषय में पूछा।
उस भिक्षुक ने सारी कहानी बताई और कहा कि, ईश्वर इतना निर्दयी कैसे हो सकता हैं?
उस विद्वान ने समझाया कि,तुमने जंगल में जो दृश्य देखा वह भगवान ने इसीलिए दिखाया कि,तुम मेहनत करके अपना पेट तो भर सको लेकिन साथ में दूसरो का भी पेट भरने में सक्षम बनो।लेकिन तुमने तो गलत समझा और यहां दूसरे के भरोसे बैठ गए।
4) अथाग परिश्रम(motivational short stories for student):
विद्यालय के सारे विद्यार्थी वरदराज को चिढ़ाते थे।क्योंकि वह पढ़ाई में बहुत ही ज्यादा कमजोर था।सारे शिक्षक भी उसे पढ़ने में सहायता करके थक गए।
इसीलिए, वरदराज भी परेशान होकर विद्यालय जाना बंद कर देता हैं।वह अब इधर उधर भटकने में ही समय बर्बाद कर रहा था।
एक दिन वह कहीं जा रहा था और उसका गला सुख गया।वह पानी की तलाश कर रहा था। वही उसे एक कुआं दिखाई दिया।पानी निकलकर उसने अपनी प्यास बुजाई और वहीं जमीन पर बैठ गया।
वहां उसने देखा की कुएं के पत्थर पर रस्सी के कारण बड़ा ही गहरा निशान बन गया था।
वरदराज ने सोच कि,एक सामान्य सी रस्सी के कारण इतने कठोर पत्थर पर गहरे निशान बन सकते हैं,तो मैं तो एक इंसान हूं। मैं भी पढ़ने में ज्यादा मेहनत करूंगा तो सब कुछ सिख जाऊंगा।
इसके बाद वह फिर स्कूल जाना शुरू करता है और पढ़ाई में बहोत ही ज्यादा मेहनत करने लगता है।आखिर में वह बड़ा होकर विद्वान व्यक्ति बनता हैं।
5) दूसरो की देखादेखी का परिणाम(best motivational short stories for student):
एक बार एक बूढ़ी अम्मा रात के अंधेरे में स्ट्रीट लाइट के प्रकाश में कुछ ढूंढ रही थी।वहां से एक व्यक्ति पसार हो रहा था।उसके पूछने पर उस बूढ़ी अम्मा ने बताया कि,वह अपनी सुई ढूंढ रही हैं।इसीलिए वह भी मदद करने लगा।इसी तरह ओर तीन लोग आकर बूढ़ी अम्मा की सुई ढूंढने में सहायता करने लगे।
थोड़ी देर बाद उन लोगों में से एक ने पूछा कि,अम्मा सुई यहां पर किस जगह पर गिर गई थी।
तब उस बूढ़ी अम्मा ने बताया कि,सुई तो मेरी जोम्पडी में गिर गई थी,लेकिन यहां प्रकाश है तो मैं उसे यहीं ढूंढने आई हुं।
Motivation➡️
हरिफाई के इस दौर में हमे भी अंधी दौड़ नही लगानी चाहिए।जरूरी नहीं कि,लोग जिस दिशा में मेहनत कर रहे हो वह सही हो! हमे सोच विचार करके ही निर्णय लेने चाहिए।
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